प्रेस विज्ञप्ति
शासकीय महाविद्यालय मचांदुर में आइ क्यू ए सी एवं महिला उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ तथा राजनीति विज्ञान के संयुक्त तत्वाधान में संविधान दिवस एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अध्यापकों एवं विद्यार्थियों द्वारा सम्मिलित रूप से संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया। लोकतंत्र के महत्व पर विद्यार्थियों ने अपने विचार व्यक्त किए। शासकीय महाविद्यालय बालोद से पधारे विधि विभाग के अध्यक्ष डॉ राघ्वेश पांडे ने गोष्ठी में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने हेतु संवैधानिक प्रावधान विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि संविधान निर्माताओं ने मूल अधिकार, राज्य के नीति निदेशक तत्व और अनुच्छेद 242, 243 के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा और उनको गौरव पूर्ण जीवन जीने हेतु विभिन्न उपबंध बनाएं। भारतीय दंड संहिता एवं सी.आर.पी.सी. में प्रावधानों द्वारा लोकतंत्र के विकास के साथ महिलाओं की सामाजिक स्थिति को और मजबूती दी गई। भ्रूण हत्या निषेध, दहेज प्रथा निषेध, उत्तराधिकार का कानून, निर्भया कानून आदि के द्वारा अनेक संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से समाज में स्त्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता करने की व्यवस्था विकसित हुई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ नीरजा रानी पाठक ने समाज में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा की प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा और विधिक जागरूकता के माध्यम से ही हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन आइ.क्यू.ए.सी प्रभारी डॉ अंबरीश त्रिपाठी ने किया तथा आभार कार्यक्रम की संयोजक डॉ संगीता मैहुरिया ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।